घर तिरंगा कार्यक्रम – गोपाल जालान

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घर तिरंगा कार्यक्रम

गोपाल जालान

आजादी के अमृत महोत्सव को यादगार बनाने के लिए केंद्र सरकार के देश के हर एक नागरिक से, स्वतंत्रता दिवस वाले सप्ताह अर्थात 13से 15 अगस्त तक, अपने-अपने घरों पर तिरंगा फहराने की अपील की है। इसे “हर घर तिरंगा कार्यक्रम’ का नाम दिया गया है। वैसे भी हमारे राष्ट्र ध्वज देश के गौरव एवं मूल्यों का प्रतीक माना जाता है। देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर शुरू अमृत महोत्सव कार्यक्रमों के अनुपालन संबंधी राष्ट्रीय उच्च स्तरीय समिति (एनआईसी) ने इस साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर “हर घर तिरंगा कार्यक्रम’ को मंजूरी दी है। इसके लिए केंद्र सरकार ने तिरंगा फहराने के नियमों में भी बदलाव किए र्हैं। इस बदलाव के बाद अब दिन और रात दोनों समय तिरंगा फहराये जाने की अनुमति रहेगी। इसके साथ ही अब पॉलिएस्टर और मशीन से बने राष्ट्रीय ध्वज का भी उपयोग किया जा सकता है। हर घर तिरंगा अभियान के तहत देशभर में 25 करोड़ घरों में तिरंगा फहराने का लक्ष्य रखा गया है।
“हर घर तिरंगा कार्यक्रम’ के मद्देनजर आने वाले दिनों में राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री में जोरदार उछाल की उम्मीद की जा रही है। व्यापारियों के प्रमुख संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) का भी मानना है कि इस अभियान की वजह से तिरंगे की मांग में जोरदार उछाल देखने को मिल सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत “हर घर तिरंगा कार्यक्रम’ को जन-जन तक पहुंचाने के लिए देश के विभिन्न संगठन, सामाजिक संस्थाएं आदि आगे आने लगी है। देश के करीब 40 हजार व्यापारी संगठनों ने इस अभियान को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी ली है । कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा है कि “विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा’ का जय घोष करते हुए कैट देश भर के 40 हज़ार से अधिक व्यापारी संगठनों के माध्यम से न केवल व्यापारियों बल्कि अन्य लोगों में भी इस अभियान को घर घर तक ले जाएगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान के जरिए उन लाखों स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और देश के वीर जवानों, जिन्होंने तिरंगे की रक्षा की खातिर अपनी जान देने में पीछे नहीं हटे और जी हर समय सीमा पर डटे रहते हैं, को देश अपनी श्रद्धा और आदर देगा।
इन तैयारियों को देखते हुए उम्मीद की जा सकती है कि अगले एक पखवाड़े में “हर घर तिरंगा कार्यक्रम’ का जोश युवाओं की रग-रग में दौड़ने लगेगा। इस कार्यक्रम को लेकर जनजागरुकता फैलाने के लिए बड़े स्तर पर योजना बनाई जा रही है। इस कार्यक्रम में देश के सभी वर्ग-धर्म, पेशे-करोबार, युवा-महिला सभी को जोड़ा जाएगा।
तिरंगा वैसे भी देशवासियों के लिए बेहद संवेदनशील रहा है। खेल का मैदान हो अथवा भारत की किसी भी प्रकार की सफलता या विजय तिरंगे की छांव तले युवाओं के हिलौरे मारते जोश को हमने कई मौकों पर देखा है। इस बात को स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए कि पिछले कई सालों में देशवासियों के दिल में राष्ट्र प्रेम की भावना और अधिक प्रगाढ़ हुई है। इसका यह मतलब नहीं है कि इससे पहले हम में राष्ट्र-प्रेम की कोई कमी थी । आज का हंसता-खिलखिलता, फलता-फूलता स्वतंत्र भारत हमारे शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों के राष्ट्र प्रेम का ही प्रसाद है। राष्ट्र प्रेम में बावले होकर न जाने कितने वीरों ने मां भारती के चरणों में अपने सर की बलि चढ़ा दी। न जाने ऐसे कितने ही अनजाने शहीद हैं, जिन्होंने मां भारती के तन पर लिपटी पराधीनता की बेड़ियों को तोड़ने के लिए अपने खून की नदियां बहा दी। देश के अन्य प्रांतों के साथ-साथ असम के सैकड़ों युवाओं ने देश की आजादी के लिए अपने प्राण गंवाए थे। अमृत महोत्सव के मौके पर “हर घर तिरंगा कार्यक्रम’ उन सभी गुमनाम शहीदों को भी नमन्‌ करने का जरिया है, जिनके नाम स्वाधीनता संग्राम के इतिहास के पन्नों में दर्ज नहीं है। जिनके सर्वोच्च बलिदान के बारे में हम किसी को भी जानकारी नहीं है। आईए, “हर घर तिरंगा कार्यक्रम’ के माध्यम से हम उन सभी जाने-अनजाने शहीदों को नमन करें, जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए हंसते-हंसते अपनी जान की बाजी लगा दी।