मंजिल तक का सफर – Moon moon Devi, Mangaldai Darrang

pc-dose

मंजिल तक का सफर

हमारे मंजिल एक है
हमारे मंजिल एक है
पर पता नहीं हमें मंजिल मिलेगी या नहीं ??
इसलिए,
इसलिए, चलों मंजिल को side में रखकर
उस मंजिल तक जाने का सफर सुहाना बनाते हैं
चलो इस सफर में खुलकर जीतें है ।।
चलों, मिलकर इस सफर को यादगार बनाते हैं
इतना यादगार बनाएंगे
की अगर मंजिल ना भी मिले तो
पस्तावा ना करके
इस सुकुन के साथ जी लेंगे
की जो भी हो ” सफर खुबसुरत रहा मंजिल से भी” ।।
चलों, एक दुसरे का हाथ पकड़ के
इस सफर में हमसफ़र बनते हैं ।।
एक एक करके यादों को
खुशीयों की माले में जोड़ते हैं ।।
चलों, मंजिल से भी इस सफर को खुबसूरत बनाते हैं ।।
         ~Moon moon Devi
           Cotton University
           From Mangaldai
           Darrang, Assam